तमाशा
तमाशा
अपना किरदार बखूबी निभाया मैंने,
इस दुनिया के तमाशे में,
मेरी हँसी को सभी ने असली ही समझा,
गम अपने छिपा गया मैं, दुनिया के तमाशे में,
हर एक की दाद मिली,
जब जार जार रोया था मैं,
मेरी जिंदगी का तमाशा उन्हे,
किसी तमाशे का भाग लगी
क्या गिला करूँ
किसी से,
की किसी ने समझा नहीं मुझको,
मेरे किरदार निभाने की शिद्दत,
उन्हे किसी तमाशे से कंम
ना लगी
अब तो इत्मिनान है,
इस जिंदगी को जिया तो हमने,
क्या फर्क पड़ता है की
ये जिंदगी हमसे तमाशे सी मिली।