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Rohit Rahgir

Romance Tragedy

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Rohit Rahgir

Romance Tragedy

तुम नहीं हो

तुम नहीं हो

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वही दिन है वही रातें, मगर तुम नहीं हो

तुम्हे ढूंढती है ये निगाहें पर तुम नहीं हो


खोए खोए गुमसुम सा रहने लगा है दिल

ये दिल को संभालने के लिए तुम नहीं हो


लिखता हूं रोज तेरी यादों को शायरी में

वो शायरी पढने के लिए अब तुम नहीं हो


चलता हूं आज भी वो आखिरी मिल तक

साथ चलने के लिए मेरे संग तुम नहीं हो


जागता हूं हर सुबह आज भी पहले जैसा

चाय का प्याला लिए जगाते अब तुम नहीं हो


हसरत है जो जीने की दिल की किसी कोने में

अब क्या जीना वो जिंदगी जिसमे तुम नहीं हो!


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