अब जो तू हमसफ़र है
अब जो तू हमसफ़र है
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अब जो तू हमसफ़र है
चलो साथ-साथ क़दम बढ़ाते हैं,
ज़िंदगी के सफ़र को आसान बनाते हैं ।
आपकी सोच और हमारी सोच,
दोनों को मिलाकर एक नई कहानी लिखते हैं ।
कठिन राह भी टल जायेगी,
मेरी मंज़िल आसान हो जायेगी ।
आपका हाथ मेरे हाथ में हो,
कठिन डगर भी आसान सी बन जायेगी ।
दोगे साथ यदि आप हमारा,
फिर हमारी मंज़िल दिख जाएगी ।
