भूधरा पर नीर ना हो
भूधरा पर नीर ना हो
सोच कर देखिए पानी ना हो तो क्या होगा
भूधरा पर नीर ना हो तो क्या होगा
जिसे जल ही कल कहते हैं हम, सोचिए जरा
अगर जल ही ना हो तो क्या होगा
चारों ओर अशांति फैल जाएगी
तृतीय विश्व युद्ध शुरू हो जाएगा
जो पानी की खातिर इंसान इंसान ना पहचाने गा
इंसानियत का गला घोट कर वह पानी की खातिर लड़ जाएगा
शर्म, हया, लज्जा सब भूलकर
इंसान इंसानियत का गला काट जाएगा
प्रकृति के दिए हुए इस उपहार को
इंसान कुछ यू बर्बाद कर जाएगा
आने वाली पीढ़ी भी इंसान होने पर पछतायेगा
सोच कर देखिए पानी ना हो तो क्या होगा
पानी की खातिर चारों ओर मौत का मंजर
नजर आएगा !