कुछ यादें
कुछ यादें
कुछ यादें हंसाती हैं, कुछ रुलाती हैं
कुछ अपने साथ बहाकर ले जाती हैं
कुछ मेरी गजल में चुप के से बोलती है
कुछ बिन लफ्जों की कहानी लिखती है
यादें हर वो चहेरा सामने दिखाती है
जो ये किस्मत कई दूर छोड़ आती है
वो वफादार है, जब बुलाओ तब आयेगी
तन्हाइयों में अकसर लिपट सी जाती है
एक उम्र ना काट सके जिसके साथ हम
ये कुछ पल की मोहब्बत रोज दिखाती है
हसना, रोना, शरमाना, कहना, लिखना
यादें अकेले में भी महफिल सजाती है
फुरसत से याद कर लो यादों को "श्वेत"
खुशनसीब है जीने अच्छी यादें मिलती हैं।