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Sweta Sardhara "shwetgzal"

Romance

4  

Sweta Sardhara "shwetgzal"

Romance

खास इश्क

खास इश्क

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4

तुम्हारे नाम एक गज़ल खास लिखनी है,

खुद को जरा सी तुम्हारे पास लिखनी है।


चाहे दुनिया को पलटना ही क्यों ना पड़े,

तुम्हारी होने की मजबूत आस लिखनी है।


बस मेरी सच्चाई और तुम्हारी हकीकत हो,

बाकी सब दुनियादारी मुझे भास लिखनी है।


हर खुशी हर एक गम सिर्फ तेरे संग बाटना,

तुम्हारे हवाले मेरी हर एक सांस लिखनी है।


तेरी चाहत को लिखनी है "श्वेत" सी अमानत,

खुद को तो मुझे बस तुम्हारी दास लिखनी है।



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