सिर्फ तेरी खुशी
सिर्फ तेरी खुशी
आंसू पोंछ कर मैं तेरी मुस्कान देखना चाहती हूं
कसके गले लगा के तुझे अपना बनाना चाहती हूं
तु सिर्फ एक बार दिलसे इस हाथ को थाम तो सही
बनके मरहम तुझे मिले सारे ज़ख्म भरना चाहती हूं
मेने चाहा ही नहीं की हो तेरी चाहत मेरी चाहत जैसी
महोब्बत ना सही में बस तेरा सुकून बनना चाहती हूं
कई सारे टुकड़ों में किसीने बिखेरा है तुम्हारा दिल
में अपने मासूम जज्बातों से उसे जोडना चाहती हूं
तेरे दर्द के बीते कल में, में आज सफर कर रही हूं
अब नये रास्तेमे तेरी मुस्कान संग चलना चाहती हूं