कुछ दूर
कुछ दूर
कुछ दूर तुम चलो कुछ मैं चलूं
बस साथ ऐसे तुम चलते रहना
अगर कहीं छुट जाये हाथ मेरा
तो झट से तुम पकड़ लेना
ये डोर बँधी है साजन तुमसे
इसको कभी ना टूटने देना
हो जाये कही गलती मुझसे
नादानी समझ कर माफ़ कर देना
छोड़ आई मैं बाबुल का घर
वो याद कभी मत होने देना
कुछ दूर तुम चलो कुछ मैं चलूं
बस साथ ऐसे तुम चलते रहना।