दोस्त
दोस्त
अभी तक सुना था सब कुछ
बिखरे हुए थे मेरे जज्बात
मेरे जीवन मे आने का
मै करता हूं तुम्हरा सत्कार
दोस्त नहीं तुम हो दिल की धड़कन
जो बस धड़कता ही जाये
ऐसा लगता है जैसे मानो
मन मेरा बस हर्षित जाये
नाम तुम्हारा है सुन्दर
और मन तुम्हारा है कोमल
चेहरे पर है लाली दिखती
कजरा आँखो पर है भाय
मीठी बोली तुम्हारी मनमोहक
कोयल भी है अब शर्माए
प्रतिमा की उस उज्ज्वल से
संजय भी अब शरमाया।
बात पते की अगर मै बोलूं
तुम सा दोस्त अब ना मिल पाये
रहो हमेशा पास मेरे तुम
ऐसा तुम कसम लो खाय।।
देता हूं धन्यवाद ईश्वर का
ऐसा दोस्त सबको भाय
रहे ना कभी कोई उदास यहाँ पर
तुमसा दोस्त हर किसी को मिल जाये।
