थक गया हूँ मैं....
थक गया हूँ मैं....
थक गया हूँ मैं
जिंदगी के इस दौड़ में बहुत दूर आ गया हूँ मैं
थक गया हूँ मैं...
छोटी छोटी खुशियों की तलाश कर रहा हूँ मैं
थक गया हूँ मैं..
भीड़ भाड़ की इस दुनिया में अकेला रह रहा हूँ मैं
थक गया हूँ मैं..
मुमकिन नहीं है दिल की बात हर किसी को बताता चलूँ
यहाँ भरोसा करने वालो से डर सा गया हूँ मैं
थक गया हूँ मैं...
पता नहीं कहा गई वो खुशियाँ जो मेरे पास थी
ढूंढ ढूंढ थक गया कही वो मुझे अब तक मिला नहीं
नब्ज़ जम रहे है मेरे अक्स का पता नहीं
अंदर ही अंदर अब घुट घुट कर मर रहा हूँ मैं
थक गया हूँ मैं......
