अरमानों का वो कारवां
अरमानों का वो कारवां
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दस्तक दे बैठा है कहीं अरमानों का वो कारवां
जहाँ हर कोई बस मतलब से मिलता है
अब ना वो मेरी सुनता है
और ना अब दिल की सुनता है
गम के बादल घेरे हुए बैठा है वो मेरी तरफ
और यहाँ हर कोई एक बारिश की बूंद के लिए तरसा है
छोटी छोटी बातों को तो मैं नज़र अंदाज कर देता हूँ ,,
और वो मेरी बातों को दिल से लगा कर बैठा है
