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Sanjay kumar Yadav

Romance

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Sanjay kumar Yadav

Romance

ये क्यों है

ये क्यों है

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ये जो फासला मेरे तुम्हारे बीच है

यकीन नहीं होता ये क्यों है..


क्यों ये सांसे तुम्हारे बिना नहीं चल रही

धड़कन का अब ना धड़कना ये क्यों है


ये रात क्यों इतनी लंबी सी हो गई है

 दिन का जल्दी ढल जाना ये क्यों है..


कभी भी आज तक तुमने मुझसे कुछ नहीं माँगा

और आज मेरी जान माँग लिया ये क्यों है..


बरसो बाद मिले हो आओ बैठ कर कुछ दिल की बात करते है

अपने अंदर जो छिपा रखा ये जज़्बात क्यों है....


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