STORYMIRROR

Sanjay kumar Yadav

Others

4  

Sanjay kumar Yadav

Others

हमको याद आओगे

हमको याद आओगे

1 min
8

किसी और का दर्द तुम क्या जान पाओगे 

चोट लगी है मुझे तुम क्या मरहम लगाओगे..


छिपा के चेहरा तुम हर रोज गुजरती हो जिस गलियों से 

इस काफिर के कदमों के निशान तुम उन गलियों में भी पाओगे...


किसी का प्यार ले के तुम नया जहाँ बसाओगे 

ये शाम जब भी आयेगी तुम हमको याद आओगे.. 


तुम्हारी वो रेशमी जुल्फें जब हवा में लहरायेगी 

यकीन मानना मेरे वहाँ होने का अहसास दिलायेगी...


फुर्सत तो मिलता नहीं तुमको मुझसे मिलने के लिये 

मेरे मरने के बाद तुम क्या आंसू बहाओगे....



Rate this content
Log in