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Devendra Tripathi

Romance

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Devendra Tripathi

Romance

खाली कमरा और तुम्हारी यादें..

खाली कमरा और तुम्हारी यादें..

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खाली कमरे में सिर्फ यादें रह जाती है,

ये मोहब्बत भी कहीं छुप सी जाती है,

तुम्हारे इश्क़ का नूर इस कदर फैला है,

सूखी दीवारों से भी तुम्हारी महक आती है.

बड़े बेवफा से कमबख्त नज़र आते हैं,

ये चिलमन भी रह रह कर चिढ़ाते हैं,

मखमली बिस्तर भी पत्थर से लगते हैं,

खाली कमरे में तुम्हारे बगैर ज़ब रात बीत जाती है.

तुम आदत नहीं अब लत बन गए हो,

हर ओर तुम और तुम्हारी यादे नज़र आती हैं,

मै तो मान भी लेता कि शायद मैं ही गलत हूँ,

खाली कमरे की हर चीज तुम्हे देख जो मुस्कुराती है.


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