लक्ष्य
लक्ष्य
लक्ष्य को साध तू निकल आज घर से,
मन मे एक लक्ष्य को निकल आज घर से,
वो कौन है जो रोकेगा तुझे आज इससे,
गर डिगा नही तू सिर्फ अपने आप से,
लक्ष्य को साध तू निकल आज घर से.....
नही डरना कभी इन गुमराह राहों से,
न रुकना मतलबी हवा के झोंको से,
कौन है जो रोकेगा तुझे आगे बढ़ने से,
चलता जा इन टेंढी मेढ़ी पगडंडियों से,
लक्ष्य को साध तू निकल आज घर से.....
तू डर मत इन बदलते मौसमों से,
न उम्मीद कर कोई इन झूठे रिश्तों से,
गर विश्वास है अपने हुनर के औजारों से,
फिर न रुक न डिग इन तूफानों से,
लक्ष्य को साध तू निकल आज घर से.....
तू लड़ ले पहले अपने आप से,
तू जीत ले पहले अपने आप से,
कोई दूसरा तुझे कभी हरा न सकेगा,
जब तक जीतता रहेगा अपने आप से,
लक्ष्य को साध तू निकल आज घर से...
