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Devendra Tripathi

Abstract Inspirational Others

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Devendra Tripathi

Abstract Inspirational Others

शब्दों के पँख

शब्दों के पँख

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अगर शब्दों के पंख होते,

ये दूर गगन में उड़ते होते,

आजाद ख्याल बुनते होते,

शब्दों से गगन को रंगते होते,

अगर शब्दों के पंख होते...

चारों दिशाओं में फैले होते,

अपना प्रकाश करते होते,

कोने कोने तक उजाले होते,

शब्दों के फन हर घर में होते,

अगर शब्दों के पंख होते...

सतरंगी ख़्वाबों को बुनते,

नये नये नित रंग वो भरते,

शब्दों के नए नये रूप होते,

खुले आसमान में ऐसे उड़ते,

अगर शब्दों के पंख होते...


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