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Devendra Tripathi

Others

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Devendra Tripathi

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रिमझिम बरसात का आलम

रिमझिम बरसात का आलम

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कल रात रिमझिम बारिश का आलम देखा,

कुछ नए कुछ पुराने रिश्तों को भीगते देखा,

कुछ अरमानों को जुड़ते कुछ बिखरते देखा,

कल रात रिमझिम बारिश का आलम देखा।

कुछ उम्मीद कुछ सफलताओं के जश्न देखा,

कुछ बिखरे कुछ टूटते जज्बातों की तस्वीर देखा,

कुछ अपनो को अपनो से दूर होते देखा,

कल रात रिमझिम बारिश का आलम देखा।

कुछ पराये रिश्तों को जुड़ते हुए देखा,

कुछ रिश्तों के आधार हिलते हुए देखा,

बाजार में कुछ रिश्तों को बिकते हुए देखा,

कल रात रिमझिम बारिश का आलम देखा।

कुछ मोहब्बत को मुक्कमल होते देखा,

कुछ को मिलते कुछ को बिछड़ते देखा,

कुछ रिश्तों को वफ़ा से बेवफा होते देखा,

कल रात रिमझिम बारिश का आलम देखा।

कुछ वादो का वादाफ़रोसी होते देखा,

कुछ इंसान जीतते कुछ को हारते देखा,

कुछ को अपने ही अंदर कुढ़ते हुए देखा,

कल रात रिमझिम बारिश का आलम देखा।

जिंदगी के चंद दिनों में रिश्तों के सौदे होते देखा,

आज इंसान को तनहा जिंदगी जीते देखा,

बस झूँठी शान में अपने कसीदे गढ़ता देखा,

कल रात रिमझिम बारिश का आलम देखा।


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