प्यार के मौसम में
प्यार के मौसम में
इश्क की बारिश ,सर्द रातों में,
दरख़्त झुके हुए से, इजहार करते,
भीगे मौसम से अपनी सिफारिश करते रहे ...।
सफ़ेद मखमली कहर चादर की ओढ़ के ,
हवा की सनसन आहटें गुज़ारिश करते ,
फर्माइश में पलक भर रोके रहे ,ठहरे रहे...।
धूमिल पड़ी कोहरों में,रहती अधूरी ख्वाहिशें,
बर्फीले तूफानों में करते रहे अजमाइशें ,
बवंडरों के संग रात भर हंसते रहे , खेलते रहे ..!
प्यार के मुकाम में दर्द सीने में ,
तन्हां तन्हा ज़ख्म छिपाते रहे ,रोते रहे ,
फिर,चांद मयस्सर को रौशन करते रहे ...!