केवट श्री राम पादुका पखार "
केवट श्री राम पादुका पखार "
भव सागर पर नौका दिए उतार..!
केवट श्री राम पादुका पखार...!
कियों जन्म जन्मान्तर उद्धार..!
पतित पावन श्री राम अवतार..!
केवट श्री राम पादुका पखार...!
अरज करैं प्रभु राम से केवट बार-बार..!
ना बैठो प्रभु मोरी नौका में इस बार ..!
केवट श्री राम पादुका पखार...!
ऋषि गौतम वामा इंद्र सतीत्व भंग कर..!
अहिल्या श्राप दे ऋषि कियो तिरस्कार..!
केवट श्री राम पादुका पखार...!
देह बदली अहिल्या पाषाण दर्द चीत्कार..!
ज्यों, प्रभु कमल -पद लगे ,कियो उपकार ..!
केवट श्री राम पादुका पखार...!
बदल गई शिला प्रभु हुआ चमत्कार,
प्रभु ! नाव मोरी जीविका, पालत परिवार .!
केवट श्री राम पादुका पखार...!
कैसे बैठाउहुं जों, करूं अथाह सागर पार,
संशय,नाव मुक्त पहुंचे जो अनंत द्वार..!
केवट श्री राम पादुका पखार...!
मैं निर्धन का पाऊं,जो सजाऊं मुक्ताहार..!
प्रभु ! मन कैसे समझाऊं करूं जो पार ..!
केवट श्री राम पादुका पखार...!
लागे भय ,जो नौका का होगा पार उद्धार ,
का जाने कैसे बदले नौका इस बार ..!
केवट गाए सुंदर एक मनुहार ..!
ओ प्रभु जी करो मेरा जीवन उद्धार ..!
