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Devendra Tripathi

Abstract Romance Others

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Devendra Tripathi

Abstract Romance Others

तुम्हारा इंतजार

तुम्हारा इंतजार

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मैं अपने दिल की बात तुमसे कहना चाहता हूँ,

कुछ मन की, कुछ दिल की बात सुनाना चाहता हूँ,

तुम तो मेरी धड़कनों की बेचैनी पहचानती ही हो,

मैं तुम्हारी धड़कनों में घुल जाना चाहता हूँ,

मैं अपने दिल की बात तुमसे कहना चाहता हूँ...


तुम न हाँ करोगी, न ही ना, जानता हूँ,

तुम बस मुस्कुरा दोगी, जानता हूँ,

उल्फत है, या नफ़रत नहीं बोलोगी, जानता हूँ,

बस इस दिल में तुम्हारी नज़र चाहता हूँ,

मैं अपने दिल की बात तुमसे कहना चाहता हूँ...


कभी मेरे जज्बातों को बहुत देर तक सोचोगी,

कभी शरारत से अपने सामने से टाल दोगी,

तुम्हें भी इश्क़ है मुझसे बेइंतहा, जानता हूँ,

बयां भी नहीं करोगी, यह भी जानता हूँ,

मैं अपने दिल की बात तुमसे कहना चाहता हूँ...


इसी अहल ए दिल पर तो मैं फ़िदा हूँ,

तभी तो तुम्हें वक़्त बेवक्त पुकारता हूँ,

कभी न कभी तो समझोगी जानता हूँ,

उसी दिन का इंतजार हर रोज करता हूँ, 

मैं अपने दिल की बात तुमसे कहना चाहता हूँ....



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