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Pankaj Prabhat

Drama Romance

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Pankaj Prabhat

Drama Romance

कभी इज़हार, कभी इनकार

कभी इज़हार, कभी इनकार

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कभी इज़हार, कभी इनकार पर रोना आया,

कभी आया था जो, उस प्यार पर रोना आया।

कभी इज़हार, कभी इनकार…..


वो चेहरे जो खो गए, कहीं किसी मोड़ पर,

फिर काश कभी, टकरा जाएं किसी छोर पर।

फिर दर्द सा उभरकर, यादों का वो झोंका आया।

बात निकली तो फिर, हर बात पर रोना आया।

कभी आया था जो, उस प्यार पर रोना आया।

कभी इज़हार, कभी इनकार…..


वो जो रहते थे, खुशबू बन कर मेरी साँसों में,

वो जो कहते थे, मेरा दर्द है उनकी आहों मैं।

फिर दर्द सा उभरकर, आहों का वो झोंका आया।

बात निकली तो फिर, हर बात पर रोना आया।

कभी आया था जो, उस प्यार पर रोना आया।

कभी इज़हार, कभी इनकार…..


हमें ये यकीन था, कि हम भूल चुके हैं उनको,

न खुद याद आएंगे, न कभी बातों में लायेंगे उनको।

फिर दर्द सा उभरकर, बातों का वो झोंका आया।

बात निकली तो फिर, हर बात पर रोना आया।

कभी आया था जो, उस प्यार पर रोना आया।

कभी इज़हार, कभी इनकार…..



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