आज ख़ुद से...
आज ख़ुद से...
आज ख़ुद से हार गया हूँ मैं
आज जीत होकर भी हार गया हूँ मैं।
बेमाफ़ी भरे ग़ुनाह हो गए
आज इंसान से शैतान में तब्दील हो गया हूँ मैं।।
आज ख़ुद से...
अब मेरे अल्फ़ाज़ों में भी लफ्ज़ नहीं
मेरे शरीर में वो पहली जैसी आत्मा नहीं।
नासूर जख़्म ऐसे हो गए
मेरी ज़िंदगी में अब पहली जैसी बात नहीं।।
आज ख़ुद से...