Rekha Joshi

Abstract

5.0  

Rekha Joshi

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झूला झूले श्याम देखो राधा के संग

झूला झूले श्याम देखो राधा के संग

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झूला झूले श्याम देखो राधा के संग

है आया सावन कान्हा भीगे अंग अंग


आसमान में बदरा छाये

जिया धड़काये उड़ती जाये

चुनरिया मन में प्रीत जगाये

बंसी मधुर बजाये कान्हा गोपियों के संग

झूला झूले श्याम देखो राधा के संग

है आया सावन कान्हा भीगे अंग अंग


रिम झिम बरसता पानी

ठंडी पड़े फुहारें रास रचायें

कान्हा गोपियाँ उसे पुकारे

छनाछन बाजे पायल चूड़ी खनके

खनखन झूला झूले श्याम देखो राधा के संग

है आया सावन कान्हा भीगे अंग अंग



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