वो तो मुद्दत से जानता है मुझे
वो तो मुद्दत से जानता है मुझे
वो तो मुद्दत से जानता है मुझे
जानता है मुझे जानता है मुझे
जानता है मुझे पहचानता नहीं
वो तो मुद्दत से जानता है मुझे।
रात भर करवटें हम बदलते रहे
तकिये में मुँह छुपा सिसकते रहे
नहीं समझे वो मेरे जज़्बात कभी
नहीं अपना वो मानता है मुझे।
वो तो मुद्दत से जानता है मुझे
जानता है मुझे जानता है मुझे
जानता है मुझे पहचानता नहीं
वो तो मुद्दत से जानता है मुझे।
किया प्यार, मिली नहीं मुहब्बत हमें
बीती ज़िन्दगी यूँ ही तड़प तड़प के
बहारों में क्यों मिली हमें है खिज़ा
जानता है, नहीं समझता है मुझे।
वो तो मुद्दत से जानता है मुझे
जानता है मुझे जानता है मुझे
जानता है मुझे पहचानता नहीं
वो तो मुद्दत से जानता है मुझे।