STORYMIRROR

बादलों के रथ पर हो के सवार

बादलों के रथ पर हो के सवार

1 min
319


बादलों के रथ पर हो के सवार

उड़ी उड़ी आज आसमां  के पार


भीगा भीगा  सा है  देखो गगन

ओस की बूँदों से निखरा उपवन

खिले फूल औ भंवरों की गुंजन

अद्भुत  नजारों  से  झूमे  संसार


रूप अनोखा समाया कण कण में

भर  दी उमंग मेरे तन बदन में

झूम  के निकली सवारी गगन में

सतरंगी किरणों ने किया सत्कार

बादलों के रथ..


आलौकिक छटा मुग्ध हुआ मनुआ

बिखरा प्रकृति का हर ओर जलवा

जल भर  लाई संग आज पुरवा

सिहर उठ तन चली शीतल बयार

बादलों के रथ.


अरुण की रश्मियां थिरकती जाएँ

झूला   झूलाएँ    मस्‍त    हवाएँ

नील गगन पर झूम  झूम गायें

पंछियों की लंबी  सुन्दर कतार



Rate this content
Log in