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Rekha Joshi

Abstract Others

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Rekha Joshi

Abstract Others

जादू कर डाला तेरी बाँसुरी ने श्याम

जादू कर डाला तेरी बाँसुरी ने श्याम

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दौड़ी आई राधिका छोड़ सब काम धाम 

जादू कर डाला तेरी बाँसुरी ने श्याम


भूल गई सुध बुध वो सुन मुरली की धुन

खिची चली आई बजे पायल रुनझुन 

छेड़ दी कैसी तूने तान मनमोहन 

बावरी भई प्रीत होठों पे तेरा नाम


दौड़ी आई राधिका छोड़ सब काम धाम 

जादू कर डाला तेरी बाँसुरी ने श्याम 


यूँ आँख मिचौली तुम मत खेलो भगवन 

जाओगे कहाँ पर छोड़ मोरा ये मन 

है रूप सलोना सजे पीताम्बर तन 

वारी जाये कान्हा पर राधा सुबह शाम


दौड़ी आई राधिका छोड़ सब काम धाम 

जादू कर डाला तेरी बाँसुरी ने श्याम


अखियाँ प्यासी कान्हा अब दे दो दर्शन 

रास रचाने राधे है भटके निधि बन 

सूना सूना लागे सारा वृंदावन 

प्यार की फुहार कान्हा बरसाना घनश्याम 


दौड़ी आई राधिका छोड़ सब काम धाम 

जादू कर डाला तेरी बाँसुरी ने श्याम



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