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lalita Pandey

Inspirational

4  

lalita Pandey

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महादेवी को नमन

महादेवी को नमन

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महादेवी वर्मा को नमन


ले प्रेम का दीप वो

चल पड़ी तिमिर हटाने

आँधियो का मोह तोड़

आँसुओ से काजल बनाने।


जुगनुओं की मशाल ले

अनिल को मदिरा पिला के 

इन्द्रधनुष की चमक ले

चल पड़ी खुद पतवार बनाने।


जीवन पथ की दुर्गम राहों को

कौतुहलता से जगा कर

दीपक सी मुस्कान लेकर

चल पड़ी बालपन दिखाने।


मधु सा मीठा लिखकर

छेड़ निद्रा के तार

मेघो के गर्जन का जो

अड़ पड़ी भ्रम हटाने।


करूणा का सागर ले

पाषाण में शयन कर

अरुणोदय की लालिमा ले

निकल पड़ी वो प्रभात पाने।


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