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Sunita kashyap

Tragedy

4.8  

Sunita kashyap

Tragedy

माँ तेरे जाने के बाद

माँ तेरे जाने के बाद

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सुना घर लगता है,

लगता है सुना आँगन, 

माँ तेरे जाने के बाद। 


पलक बिछाए मेरा

इंतजार अब कौन करेगा, 

माँ तेरे जाने के बाद। 


मन के भावों को चेहरे पर, 

तुम बिना बताए पढ लेती थी।

छोटी-बडी सभी उलझनों को, 

तुम झट से सुलझाया करती थी। 


पोंछ पसीने को आँचल से, 

स्नेह भरी पुचकार

अब कौन करेगा, 

माँ तेरे जाने के बाद। 


तेरी तस्वीरों से अब ,

घंटों बातें करती रहती हूँ। 

तेरी यादों में खोकर,

 चुपके से रोया करती हूँ। 


मेरे आँसुओं को पोंछकर,

तुम जैसा प्यार

अब कौन करेगा, 

माँ तेरे जाने के बाद। 


चीख-चीख कर खूब पुकारा,

पर तुम ना फिर जागी।

अब किसके आगे जाकर रूठूँ,

तुम बनाकर चली गयी

मुझे अभागी।


तुम तो चिरनिंद्रा में सो गई ,

करूणा भरी पुकार

मेरी अब कौन सुनेगा,

माँ तेरे जाने के बाद। 


पलक बिछाए मेरा

इंतजार अब कौन करेगा, 

माँ तेरे जाने के बाद। 


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