STORYMIRROR

Sunita kashyap

Inspirational

4  

Sunita kashyap

Inspirational

"पुरुष"

"पुरुष"

1 min
108

कैसी भी परिस्थितियाँ हो,

सब कुछ सभाँल लेता है पूरुष ।

अक्सर खामोश रहकर,

दिल की बात दिल में दबा लेता है पुरुष।

मजबूरियाँ आती है तो,

अपनी खुशियाँ त्याग देता है पुरुष।

आखों में आँसू छिपाकर,

मुस्कुराहटों का नकाब पहन लेता है पुरुष।

अपनों को खुशियाँ दे सके,

खुद अकेला परिवार से दूर रह लेता है पुरुष ।

हम कठोर समझते है उसे,

पर दिल का बहुत कोमल होता है पुरुष।

पुरूष का जीवन इतना आसान नहीं,

गमों में भी जो मुस्कुरा ले ऐसा होता है पुरुष।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational