STORYMIRROR

Sunita kashyap

Abstract

3  

Sunita kashyap

Abstract

कर्मवीर

कर्मवीर

1 min
193

मिले कभी जो हार तुम टूट ना जाना

मरकर मत अपना जीवन ठुकराना 

मिली हार से अनुभव पाना

कभी ना जीवन व्यर्थ गँवाना

जीवन के संग चलता है

समस्याओं का आना-जाना 

करके पार इन सबको तुम 

जीवन की मंजिल को पाना

मिले निराशा इस जीवन में 

वीर सैनिकों को तुम लेना देख 

अपनी मातृभूमि के लिए 

मरने जाए वीर अनेक 

लेकर प्रेरणा उनसे तुम 

जीवन में अपने फूल खिलाना

कर्तव्य पथ पर चलकर  

तुम कर्मवीर बन जाना 


  


    


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract