nand kumar

Inspirational Others

3.5  

nand kumar

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मै नारी हूं

मै नारी हूं

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आदि शक्ति का तेज हूं मैं

मुझमे  सागर सी कोमलता।

जीवन का बोझ उठाती हूं 

रति सी है मुझ में सुन्दरता।।


मैं दीन हीन ना अबला हूं 

सब पर सम प्यार लुटाती हूं।

सज्जन के लिए मैं हूं नारी

दुष्टों का काल बन जाती हूं।


मुझ मे धरती सी सहन शक्ति 

सुख दुख सारे सह जाती हूं ।

कोमल ह्रदया मै नारी हूं ,

अपनो के लिए मिट जाती हूं ।


मां बहन नारि दादी नानी,

धर रूप सुता का भी आयी ।

रावण से विषयी मानव को,

नारी ही मरघट तक लायी।


मै रति लक्ष्मी  शारदा  रूप ,

हर घर की अनुपम शोभा हूं ।

नर मे भी अर्ध अंश मेरा,

मै नारी जग से न्यारी हूं ।।










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