STORYMIRROR

Nand Kumar

Inspirational Others

2  

Nand Kumar

Inspirational Others

मै नारी हूं

मै नारी हूं

1 min
285

आदि शक्ति का तेज हूं मैं

मुझमे  सागर सी कोमलता।

जीवन का बोझ उठाती हूं 

रति सी है मुझ में सुन्दरता।।


मैं दीन हीन ना अबला हूं 

सब पर सम प्यार लुटाती हूं।

सज्जन के लिए मैं हूं नारी

दुष्टों का काल बन जाती हूं।


मुझ मे धरती सी सहन शक्ति 

सुख दुख सारे सह जाती हूं ।

कोमल ह्रदया मै नारी हूं ,

अपनो के लिए मिट जाती हूं ।


मां बहन नारि दादी नानी,

धर रूप सुता का भी आयी ।

रावण से विषयी मानव को,

नारी ही मरघट तक लायी।


मै रति लक्ष्मी  शारदा  रूप ,

हर घर की अनुपम शोभा हूं ।

नर मे भी अर्ध अंश मेरा,

मै नारी जग से न्यारी हूं ।।










Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational