त्याग घमंड
त्याग घमंड
हे भारतीयों के संस्कार यहीं
ना समझें किसी को भी तुच्छ
हर व्यक्ति है अपना कर्म निभाए
क्यूं तू समझे खुद को श्रेष्ठ।
विद्या विनय भूषिते
कह गए हमारे श्रेष्ठ
अर्ध घड़ा छलकत जाए
जैसे अर्ध ज्ञानी का ज्ञान ।
घमंड की अग्नि में आहुति
हों जाता अर्ध ज्ञान का ताज
ना कोई श्रेष्ठ ना ही हीन
मां सरस्वती के है सारे लाल।
