स्वतंत्र संग्राम की वीर नारिया
स्वतंत्र संग्राम की वीर नारिया
कौन थी कैसी थी वो वीर नारियां
आओ सुनाऊं हस्तियों की कहानी
शौर्य और स्वाभिमान इनका अस्त्र था,
अस्त में भी नारी अस्मिता कायम रही
न आने दी आंच अपने मान पर
बुलंद था नारा स्वतंत्रता का
अबला का सबला रूप देख
कांप उठा परदेस गोरा दुश्मन
बांध कर कर्तव्यों को पीठ से
मातृभूमि धर्म निभाती वीर
दायित्वों के प्रति सजग नारी
आ पहुंची शौर्य के मैदान में
काली का कहर देख दुश्मन
का कलेजा देहलाया
देख शौर्य की असीमा
दुश्मन भी वाह वाह कहते हुवे
मृत्यु को प्राप्त हो गया
क्या वो भी वीरांगनाये थी
नारी शक्ति की मिसाल दुनिया को मिली,
नमन माता है जननी
कोटी नमन तुझे तेरे सपूतों से
अफसोस हे ये माता
तेरी वीरता का न कही बोलबाला
रहेगा आपका वीर पताका
हिंदुस्तान की धड़कन बनकर हमेशा,
नमन माता नमो नमः।
वीर माता नमोस्तुते।
