"लिखी कहानी कफ़न की "।
"लिखी कहानी कफ़न की "।
लिखी कहानी कफ़न की, खूब किया प्रहार।
मृत्यु का भी जश्न, मनावे बुधिया को दी मार।
बुधिया को दी मार, दीन का खाका खींचा।
गबन निर्मला गोदान, हीन स्त्री करते चर्चा।
खत्म करण कुरीतियां, हुंकार भरी सब तल्खी।
मुंशी जी ने खूब, खुले खरी खोटी लिखी।
