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Ppp Qqq

Inspirational

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बलिदानी दिवस

बलिदानी दिवस

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नमन बलिदानों वाली मिट्टी

नमन तुम्हारे लाल को

देकर आहुति निज जीवन की

ऊँचा किया तेरे भाल को


हँसते हँसते चढ़ गए सूली

पीछे भारत माता रोयीं थी

अपने आँचल के कीमती रत्न

तीन तीन एक साथ खोई थीं


आजादी की कीमत क्या है

कुछ लोग यहाँ भूल बैठे हैं

सत्ता के मद में आकर वे

जनता से ही ऐंठे है


मानसिक बौने हैं वे जो

शहीदों का परिहास करते 

एड़ी उठा कर के वे लोग

पर्वत को ढ़कने का प्रयास करते


अपने लहू से मिट्टी सींचा

तब ये गुलशन खिलखिलाया है

कितने भीरू निर्लज हुए हैं हम

अपने पुरखों को भुलाया है।



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