वो भी कुछ कम नहीं था ना। वो भी कुछ कम नहीं था ना।
बुलंदियों को छूकर आसमाँ की उड़ा भर पाते हैं। बुलंदियों को छूकर आसमाँ की उड़ा भर पाते हैं।
पर कभी हार नहीं मानेगें ये तो तय है। पर कभी हार नहीं मानेगें ये तो तय है।
मैं से हम की दूरी दोनो को तय करना मैं से हम की दूरी दोनो को तय करना
कोई कुछ दूर तक चल के बढ़ेगा किसी मोड़ से आगे। कोई कुछ दूर तक चल के बढ़ेगा किसी मोड़ से आगे।
स्वच्छ हो परिवेश तन मन स्वस्थ हो पूरी मही जिन्दगी से हाथ धोने से भला अच्छा यही। स्वच्छ हो परिवेश तन मन स्वस्थ हो पूरी मही जिन्दगी से हाथ धोने से भला अच्छ...