रौशनी
रौशनी
बहुत अंधेरा था
कोई रास्ता ना दिखता था
केवल दो विकल्प थे
अंधेरे में खो जाना या
रौशनी करके आगे बढ़ना।
पहले विकल्प में
कोई मेहनत नहीं थी
दूसरे में संघर्ष था,
रौशनी की सौगात लिये हुए।
संघर्ष से तो हम कभी डरते नहीं
अंधेरे में खोना गँवारा नहीं
वो जीवन ही क्या
जो संघर्ष से सँवारा नहीं।
तो चल पड़े रौशनी की ओर
जब रौशनी हुई
तो दिशा भी मिल गयी
और रास्ते भी मिल गये
अब चल रहें है उसी राह पर
जिसमें मुश्किलें भी है।
मुस्कुराहटें भी हैं
बस एक ही ज़िद है
कि रुकना नहीं है
तूफ़ान के आगे झुकना नहीं है
इस राह पर हम जीतें या ना जीतें
पर कभी हार नहीं मानेगें
ये तो तय है।