Sonima Satya - Motivational Speaker
Abstract
हर पल को जिओ
जी भरकर
तो ज़िंदगी है।
कैलेंडर की बदलती
तारीखों को तो
ज़िंदगी नहीं कहते।
हर बार टूटकर
सँवर गये
तो ज़िन्दगी है।
बार बार टूटकर
बिखरने को तो
ज़िन्दगी नहीं कहते।
बेटियों से ना...
रिश्ते
वो दिन कब आएं...
दिवाली की सफ़ा...
रौशनी
ज़िन्दगी
राष्ट्रप्रेम की भावनाओं का, जिनको होता नहीं है अर्थ उन नरों का जीवन भी क्या है राष्ट्रप्रेम की भावनाओं का, जिनको होता नहीं है अर्थ उन नरों का जीवन भी क्या ह...
हिंदी का सम्मान हमारा स्वयं का देश का है सम्मान, हिंदी का सम्मान हमारा स्वयं का देश का है सम्मान,
नरान्तक और बिन्दुमती ने स्वर्ग की गति थी पाई। नरान्तक और बिन्दुमती ने स्वर्ग की गति थी पाई।
मैं और कुछ नहीं जानती बस इतना जानती हूँ कि उसने प्रेम किया था। मैं और कुछ नहीं जानती बस इतना जानती हूँ कि उसने प्रेम किया था।
किसने आपको हक दिया है कुछ भी कह लेने का किसने आपको हक दिया है कुछ भी कह लेने का
यहाँ तो दरिया में पड़े पत्थर की तरह कतरा कतरा टूटा हूँ मैं यहाँ तो दरिया में पड़े पत्थर की तरह कतरा कतरा टूटा हूँ मैं
रामराज्य का हमें भी तो कम से कम एक बार दर्शन कराओ। रामराज्य का हमें भी तो कम से कम एक बार दर्शन कराओ।
लेकिन खोज के लाओ, पहले वो इन्सानी कुत्ते लेकिन खोज के लाओ, पहले वो इन्सानी कुत्ते। लेकिन खोज के लाओ, पहले वो इन्सानी कुत्ते लेकिन खोज के लाओ, पहले वो इन्सानी कु...
डरना छोड़ो अब हौसला भरो, लड़ो, कब तक मुँह चुराओगे। डरना छोड़ो अब हौसला भरो, लड़ो, कब तक मुँह चुराओगे।
बस खाना - डरना और जनना, इतने में ही, इंसान क्यों पड़ा है? बस खाना - डरना और जनना, इतने में ही, इंसान क्यों पड़ा है?
गुलामी की बेड़ियों को हमने कई वर्षों तक सहा है, क्या होती गुलामी लंबे समय तक महसूस किय गुलामी की बेड़ियों को हमने कई वर्षों तक सहा है, क्या होती गुलामी लंबे समय तक ...
चलो दिवाली का एक नया रूप हम दिखाते हैं, दिवाली ऐसी भी होती आप सबको बताते हैं। चलो दिवाली का एक नया रूप हम दिखाते हैं, दिवाली ऐसी भी होती आप सबको बताते हैं।
सूरज की किरणों से आज, स्वयं नग्न जल जाऊं मैं सूरज की किरणों से आज, स्वयं नग्न जल जाऊं मैं
गुप्त आत्मालाप से जाग्रत हो उठती है, आत्म अनुभूतियाँ। गुप्त आत्मालाप से जाग्रत हो उठती है, आत्म अनुभूतियाँ।
उधम सिंह फोटो काटकर, जेब में ली सरका। राम मोहम्मद सिंह आजाद, बाजू पे खुनवा। उधम सिंह फोटो काटकर, जेब में ली सरका। राम मोहम्मद सिंह आजाद, बाजू पे खुनवा।
लेकिन मेरा यकीं करो, मैंने सुनी है चीख उन पंछियों की जिनके पर कतर दिए गए : लेकिन मेरा यकीं करो, मैंने सुनी है चीख उन पंछियों की जिनके पर कतर दिए गए :
प्रभु मूरत देख कर देवता अयोध्या में रहे, ये करें विचार। प्रभु मूरत देख कर देवता अयोध्या में रहे, ये करें विचार।
नारायण के भक्त अरु, गंगा के सुत वीर। कृपा आपनी कीजिए, प्रमुदित रहे शरीर।। नारायण के भक्त अरु, गंगा के सुत वीर। कृपा आपनी कीजिए, प्रमुदित रहे शरीर।।
मैं कहाँ ले जाऊँ मन मेरा... तुझसे बिछड़ने को तैयार नही... मैं कहाँ ले जाऊँ मन मेरा... तुझसे बिछड़ने को तैयार नही...