रिश्ते
रिश्ते
दुनिया से रिश्ते निभाते निभाते
एक रिश्ता तुम अक्सर भूल जाती हो
तुम मां हो , बीवी हो, बहु हो, बेटी हो
इन्हीं में कभी ऊपर कभी नीचे
झूल जाती हो
पर जब देखती हो आईना
तो नज़र आता है वो इंसान
जिसे देखकर भी तुम नहीं रही पहचान
वो तुमसे तुम्हारा रिश्ता कहीं छूट गया
वो जो कभी ख़ुद की पसंद का जीती थी
वो जो ज़िन्दगी का रस बूंद बूंद तक पीती थी
आज प्यासी होकर भी मुस्कुराती है
इस तरह वो आज वो रिश्ते निभाती है।।।