STORYMIRROR

Rajiv R. Srivastava

Tragedy Inspirational

4  

Rajiv R. Srivastava

Tragedy Inspirational

आपदा..!

आपदा..!

1 min
273

बहुत कर ली अनदेखी, बहुत किया उपहास;

बदले में प्रकृति ने दिया, ताऊ ते और यास।


कभी कोरोना का क़हर कभी फ़ंगस की यारी।

वर्षों की अर्जित पूँजी, सब ले गई ये बीमारी॥


अब भी अगर ना संभलें हम,ना रोके मनमानी,

अगले पल नियति ही, करेगी रासि परिहास॥



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy