पुलवामा
पुलवामा
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पल छिन मुबारक़ हो, प्यार का दिन मुबारक हो।
तुम्हे तुम्हारा ये संसार, हमारे बिन मुबारक हो॥
तुम यूँ रहो मशगूल, सनम के अपने ख़यालों में;
हमें अपना अर्जित किया हुआ दुर्दिन मुबारक़ हो।
तुम ढूंढ रहे थे फूलों में, अपनी प्रेम की परछाईं;
हम बिखरे थे लोथड़ों में, हमें वो दिन मुबारक हो॥
हम नहीं मांगते आपकी जान, बलिदानों के बदले;
रहें यादों में रासि, हमें वो पल हसीन मुबारक़ हो॥
