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Rajiv R. Srivastava

Inspirational

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Rajiv R. Srivastava

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श्रीराम होने का अर्थ...!

श्रीराम होने का अर्थ...!

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परहित में त्यागे जो निज हित और मीत।

सीखो तुम श्रीराम से, रे मन मानुष रीत॥

संतों के संताप सुन, जो हो उठे अधीर,

युवा काल में ही हरे, जा के संतन पीर;


असुरों से अदावत और पत्थरों से प्रीत।

सीखो तुम श्रीराम से, रे मन मानुष रीत॥

पितृ वचन निभाने को औ’ बचाने लाज,

पल में वो परित्यागे, रत्नजड़ित वो राज;


छन में वन वरण किए, ना हुए भयभीत।

सीखो तुम श्रीराम से, रे मन मानुष रीत॥

कितने कष्ट सहे और, सहे सिया वियोग,

केवट शबरी से नेह पशु पंछी से सहयोग;


धैर्य धर्म विवेक बल जीते रासि अजीत।

सीखो तुम श्रीराम से, रे मन मानुष रीत॥


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