सीखो तुम श्रीराम से, रे मन मानुष रीत॥ सीखो तुम श्रीराम से, रे मन मानुष रीत॥
जब है ये खुद ही स्त्रीत्तव की पहचान, हर नारी की परिभाषा, अपने-अपने युग की ये शान फिर क्यों इन... जब है ये खुद ही स्त्रीत्तव की पहचान, हर नारी की परिभाषा, अपने-अपने युग की ये...
अब पूछ मेरा ना हाल प्रिये मैं कुछ दिन का मेहमान प्रिये! अब पूछ मेरा ना हाल प्रिये मैं कुछ दिन का मेहमान प्रिये!
निर्गुण निराकार ब्रह्म रूप में ध्यान कीजिए। ईश्वरीय आभा का स्वतः ही आभास हो जाएगा।।। निर्गुण निराकार ब्रह्म रूप में ध्यान कीजिए। ईश्वरीय आभा का स्वतः ही आभास हो ...
ईश्वर तो फिर ईश्वर, उसे क्या जानेगा भला। ईश्वर तो फिर ईश्वर, उसे क्या जानेगा भला।
नीति-न्याय, समता की मूरत। मर्यादा पुरुषोत्तम राम। नीति-न्याय, समता की मूरत। मर्यादा पुरुषोत्तम राम।