STORYMIRROR

Akansha Tiwari

Inspirational

4  

Akansha Tiwari

Inspirational

एक प्रश्न

एक प्रश्न

1 min
379

राधे का प्रश्न एक भगवान से, द्वापर के कान्हा नंदलाल से

सीता का प्रश्न है श्री राम से, त्रेता के युगपुरूष भगवान से


क्यों हर परीक्षा सिर्फ मेरी है, क्यों परिणाम में ही सिर्फ दूरी है

पाया जब उस स्थान को,पाया जब उस मान को, फिर क्यों

मैं ही नहीं पूरी


हर ख़्वाहिश हर इच्छा मेरी, क्यों इस साथ के बिना अधूरी है

क्यों कोई नाम न ले सीता का बिन श्री राम के, क्यों कोई

याद न करे राधे को बिन नन्द्लाल के


जब है ये खुद ही स्त्रीत्तव की पहचान, हर नारी की परिभाषा,

अपने-अपने युग की ये शान

फिर क्यों इनकी पहचान इस साथ के बिना अधूरी है,

क्यों ये खुद में ही नहीं पूरी है


क्या सिर्फ एक स्त्री होना वजह है इसकी, क्यों हर परीक्षा के लिए वही बनी है

क्यों हर सवाल सिर्फ सीता पर उठा है, क्यों श्री राम ने उसका जवाब न दिया है


क्यों राधा के हिस्से में आई वो जुदाई, जबकि उनको हर सम्मान वो मिला है

कोई जवाब नहीं इन प्रश्नों का, क्योंकि वो युग पुरूष भगवान है


एक द्वापर के कान्हा तो एक त्रेता के श्री राम है। 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational