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Akansha Tiwari

Romance

3  

Akansha Tiwari

Romance

एक जादुई एहसास

एक जादुई एहसास

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रात भर जाग कर कुछ ख़्वाब लिख रही हूँ 

न जाने किसकी याद में कब और क्या लिख रही हूँ 

न सोचती न समझती बस एक इंतज़ार लिख रही हूँ

लगता है जैसे दिल के आईने के पार लिख रही हूँ 


ये ख़्वाब है या हकीक़त या फितूर सिर्फ मन का

या खुली आँखों से देखा सिर्फ स्वप्न है ये दिन का 

पर लगता है डर इस आईने के टूट जाने से ..

इन आँखों के बंद होते ही इस सपने के छूट जाने से 


कभी कभी लगता ये एक जादुई एहसास है 

न जाने कोई दूर हो के भी कैसे इतना पास है

न सोचा न समझा न जाना किसी को फिर भी

न जाने कोई कैसे दिल में इतना ख़ास है 

हक़ीक़त है क्या इस एहसास की ये उलझन

फिर भी साथ है 


सच में है ये कोई जादू या सिर्फ एक खेल जादूगर का 

गर खेल ही है तो क्यों उलझती ही जा रही हूँ 

इस अजनबी एहसास से क्यों बांधती ही जा रही  हूँ  

रात भर जाग कर कुछ लिखती ही जा रही हूँ

न जाने किसकी याद में यूँ बहती ही जा रही हूँ !!!



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