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Akansha Tiwari

Romance

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Akansha Tiwari

Romance

तुम मुस्कुराओ मैं मुस्कुराऊँ

तुम मुस्कुराओ मैं मुस्कुराऊँ

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तुम उदास क्यों हो ? उसने मुझसे एक बार पूछा,

क्यों दुखों को इस तरह सहेजा करती हो ?


बिना समय गंवाए, मैंने इस प्रकार उत्तर दिया,

"तुम मुस्कुराओ मैं मुस्कुराऊं।"


आश्चर्यचकित हो, उसने मुझसे फिर पूछा,

तुमको क्या लगता है कि मैं उदास हूँ ?


और एक बार फिर मैंने कुछ इस तरह याद दिलाया,

आपके अल्फाज़ो ने मुझे बताया।


आप कैसे हो ? आप कैसे थे ?

कुछ समय बाद, बहुत कुछ बदल गया था,

लेकिन मेरा जवाब नहीं

"तुम मुस्कुराओ मैं मुस्कुराऊं।"


आओ प्रिये, यह अल्फाज़ नहीं हो सकते हैं,

इन्होंने तो पहले ही मुझे निराश कर दिया।

नहीं-नहीं ....मैंने कहा, अल्फाज़ नहीं,

यह इस समय आपके मनोभाव है।


लग रहा जैसे मेरे वो सारे भाव,

हमेशा छिपे हुए , कभी भी प्रकट नहीं होते

लेकिन तुम हमेशा मेरे अल्फाज़ो के माध्यम से देख पाती,

हमेशा जान जाती, मुझे कैसा लगता है।


जब मैं खुश होता हूँ,

तो तुम उस मुस्कुराहट को अल्फाज़ दे देती हो

उदास होने पर आराम

मुझे आपकी मुस्कान मेरी से ज्यादा पसंद है,

मैंने आपको कभी ऐसा कहा नहीं।


आपने मुझे मुस्कुराना सिखाया, खुश रहना,

तो कृपया आओ, वादा करो

तुम मुस्कुराओ मैं मुस्कुराऊँ !


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