अंतिम अलविदा
अंतिम अलविदा
मैंने आपको अंतिम बार देखने के लिए पीछे देखा,
मेरी आँखों में आँसू थे, शायद आपकी भी।
चाँद में आज एक अजीब सी चमक थी,
तारों की जगमगाहट भी आज फीकी थी
बीच में एक सन्नाटा सा छाया था।
एक क्षण, जहाँ शब्दों की कमी महसूस हो रही थी,
हो सकता है,उस रात आपको भी पछतावा हो।
काश ऐसा कभी न होता,
काश, मैं अंतिम बार पीछे मुड़ गया होता।
मुझे उम्मीद थी कि आप मुझे रोक लेंगे,
काश आपने वो कहा जो आपने महसूस किया।
जैसे-जैसे क्षण बीतते गए, तारों ने देखी,
कुछ अनदेखी सच्चाई, कुछ गहरी भावनायें।
एक न खत्म होने वाला इन्तजार,
एक मायूसी से भरा पल,
एक अलविदा, अंतिम अलविदा।