श्रीराम
श्रीराम
दसों दिशाओं में, यश फैला।
वेद करें जिनका, गुणगान।
नीति-न्याय, समता की मूरत।
मर्यादा पुरुषोत्तम राम।
दशरथ नंदन, जानकी जीवन।
भक्तन के प्रतिपालक राम।
केवट, सुग्रीव को गले लगाया।
ऐसे जग के नायक राम।
