चक्रवात के चक्कर में त्राहि-त्राहि है मन घिसा पीटा हुआ लग रहा है नश्वर जीवन।। चक्रवात के चक्कर में त्राहि-त्राहि है मन घिसा पीटा हुआ लग रहा है नश्वर ...
प्रकृति का अनादर प्रकृति का अनादर
सृष्टि, मानव नरसंहार के हथियार ये कुदरती, सदियों से मिटाते आ रहे है मानव संस्कृति। सृष्टि, मानव नरसंहार के हथियार ये कुदरती, सदियों से मिटाते आ रहे है मानव संस्...
आसमान से धूप उतरकर बागों, झरनों तक छांव ढूंढती तपती जाती आसमान से धूप उतरकर बागों, झरनों तक छांव ढूंढती तपती जाती