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Kumar Ritu Raj

Abstract Romance Tragedy

4.4  

Kumar Ritu Raj

Abstract Romance Tragedy

मेरे खत का जवाब आ गया

मेरे खत का जवाब आ गया

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बहुत फ़रियाद के बाद
कई दिनों के इंतजार के बाद
जब मैं उम्मीद हार बैठा था,
उनके दो पंक्ति ना पढ़ पाउँगा
ये दिल से मान बैठा था,
तो शायद मेरा इंसाफ आ गया
मेरे खत का जवाब आ गया . . .

पहली पंक्ति में नाराजगी थी
कुछ खुद से कुछ खुदा से
शब्द काफी थे, मुझे बताने को
अब जगह नहीं मेरे पास जाने को
पढ़ते - पढ़ते मैं खुद में उलझ गया
सोचा बहुत - कुछ लिखूंगा
पर मैं वही थम गया
शायद मेरा इंसाफ आ गया
मेरे खत का जवाब आ गया . . .

वो इस तरह गम में डूबे थे
जैसे किसी अपने से दिल टूटे थे
अब रहा ना कुछ समझाने को
कुछ अपनी भी बात बताने को
सोच कोशिश मैं फिर कर लूँगा
कम से कम मेरे खत का जवाब आ गया . . .


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